कुछ देख तराने
जिंदा हैं यादों में आने जाने दो
अफसाने को लिख
जाने दो
जज्बात अभी भी
जिंदा हैं सब कुछ कह जाने दो
कुछ देख तराने
जिंदा हैं...
झिलमिल झिलमिल
करती हैं तस्वीरें जो आती हैं
कुछ दिखती हैं तो
कुछ छिपती हैं
फिर भी सब कह
जाती हैं
नदियां बहती तो
हैं ही, ठहराव भी कहीं आ
जाने दो
कुछ देख तराने
जिंदा हैं...
#प्रभात
No comments:
Post a Comment
अगर आपको मेरा यह लेख/रचना पसंद आया हो तो कृपया आप यहाँ टिप्पणी स्वरुप अपनी बात हम तक जरुर पहुंचाए. आपके पास कोई सुझाव हो तो उसका भी स्वागत है. आपका सदा आभारी रहूँगा!