जन जीवन अस्त व्यस्त है
सड़कों का बुरा हाल है
घर में बवाल है
किधर से जाओगे
पैदल,
गाड़ी से या फिर कंधे पर
मैंने कहा कविता करते हैं पहले
हाँ तो लड़की का चक्कर है
बहुतेरों में टक्कर है
कॉलेज का चुनाव आने वाला है
मैंने सोचा कहानी कुछ आगे जायेगी
लेकिन ये तो यही अटक गई
आप सोच रहे होंगे कहानी मज़ेदार है
लेकिन बता दूं इसमें न कोई किरदार
है
बस बात नहीं बकवास है
अब तक पढ़ लिए हो तो सलाम है
फिर मिलते हैं