ये सरकार नहीं है
बेचारी जिसको जनता की जान नहीं है प्यारी
बहुत बड़ी लाचारी
देश में सब जल रहा है उनको है कुर्सी प्यारी
वो कहते हैं वोट
मिला है जो चाहूं वो कानून बनाऊं
वो कहते हैं कुछ
भी कर लो मैं वो नहीं जो इंच भर हट जाऊं
वो कहते हैं कपड़े
से पहचानों जो सामने आए मारो
वो कहते हैं
सरकार विरोधी देश के गद्दार हैं इन्हें मारो
अब तुम्हीं बताओ
इतिहास में इन मौतों को किनके नाम लिखा जाएगा?
देश को बदनाम
करने के लिए और कितने घरों को जलाया जायेगा?
आपस में लड़ने के
लिए क्या सरकार बनाते हैं हम?
हिंसा में
बेगुनाह मौतों को गुमनाम छोड़ जाते हैं हम?
हिन्दू मुस्लिम
करवाने वालों को काम दे जाते हैं हम?
दंगा करवाने के
साथ जय श्रीराम बोल जाते हैं हम?
फिर धर्म खतरे
में है कह इंसानियत भूल जाते हैं हम?
#प्रभात
Prabhat
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