Sunday, 5 January 2020

मेरे गांव का पानी जहर बन गया है


मेरे गांव का पानी जहर बन गया है

आसमान का पानी कहर बन गया है
इंसान अब भी बड़े रुतबे में हैं
मानो जीवन अब अमर बन गया है!

#प्रभात


Monday, 23 September 2019

जी रहा हूँ जिंदगी अब जुल्फ के साये में


जी रहा हूँ जिंदगी अब जुल्फ के साये में
वो रात खुशनुमा शान थी अदाओं में

हसरतें मिट गईं, चाहत का इम्तहान हो गया
अजनबी बनकर रहे किस्सों में विहान हो गया
चल पड़ी है जिंदगी किसी और पेड़ की छांव में
लेकिन उसी का इंतजार है अभी अपनी राहों में

मैं बेपनाह मुहब्बत करता तो हूँ!


मुझे हर कहीं अगर उसका चेहरा नजर आए तो
समझो मैं बेपनाह मुहब्बत करता तो हूँ!
अश्कों को भी कब निकलना मालूम है शायद

मैं उसकी आँखों का अदब करता तो हूँ!

हर सूरत में किसी मूरत की तरह वो खड़ी है वो
जाग उसे देखने की कोशिश करता तो हूँ!
..................शायद नहीं लिख पाऊँगा आगे
क्योंकि हर वक्त उससे ही प्यार करता तो हूँ!
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मुझसे मिलना तुम्हें शायद अच्छा न लगे कभी
ये असलियत है पर मैं तड़पता तो हूँ...
एक प्यार एक जमीं एक आसमां है उम्र भर
जो भी जहां, खुदा को उसमे तरासता तो हूँ...
मंजिल पाना हकीकत से कोसो दूर है शायद
ये जानकर भी उसे शिद्दत से चाहता तो हूँ...
नोट- कृपया बिना पूछे कॉपी न करें।

'उसी के लिए'


'उसी के लिए'
धड़कता है दिल किसी किसी के लिए

प्यार हुआ भी है तो उसी के लिये

खुदा कितना चाहता है उसे और
मैं चाहता हूँ हर पल उसी के लिए
मेरी तरंगों की परिभाषा में है कुछ
जो गुम सा हुआ हूँ उसी के लिए
मिलना किसी का मुझे किसी सा लगे
अपनापन में हूँ बस उसी के लिए