Tuesday 1 June 2021

'उसे तो खुदा ही देखे'

 'उसे तो खुदा ही देखे'



आईना सही है अगर सामने हो कोई उसके तो

मगर अकेले चलते-चलते उसे तो खुदा ही देखे

बड़े इल्जाम हैं हम पर कि हम महफ़िल में बैठे हैं

कोई तो पलकों के नीचे आंसुओं के सैलाब देखे

गुनाह हमने की है मिली थी मंजिल और मिले तुम

मगर खो गए आहिस्ता कहां अब तो चांद ही देखे

मुक़द्दर इश्क का सुंदर बना होता अगर हमारे लिए

तो तारों में किसी तारे को समझ वो तुम्हें ही क्यों देखे

#प्रभात

Prabhat

21-11-20

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