Tuesday 1 June 2021

इसे भी वे कमजोरी समझते रहे...

 एक जिक्र था मेरी साँसों में किसी के होने का

वो तो बस इसे सांस समझते रहे

न जाने कितनी कोशिशें की

दीवार खड़ी न हो मेरे हिस्से की

इसे भी वे कमजोरी समझते रहे...

#प्रभात

9-3-21

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