अगर आप मेरी रचनाएं पढ़ते रहते हैं लाइक करते हैं और या फिर देखकर पढ़कर निकल जाते हैं तो यह तो हमेशा ही होता है। लेकिन, साल में 2-4 बार ही आता हूँ लाइव। लाइव आने का कारण है, जानें उस कारण को और जानिये मेरे बारे में बहुत कुछ खासकर उससे आप मेरी रचनाओं से भी जुड़ सकेंगे।
इतना ही नहीं अगर आप थोड़ा भी रुचि रखते हों कुछ अलग और सकारात्मक सोचते हैं तो निश्चित रूप से आपको यह 46 मिनट सुनकर भी कम लगेगा। कभी समय निकालकर सुनें जरूर। और अपनी प्रतिक्रिया भी दें।
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आभार
#प्रभात
Prabhat
26-6-20
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