Tuesday 1 June 2021

घने बाग में जोर-जोर की बारिश में मिलो न

 घने बाग में जोर-जोर की बारिश में मिलो न

सुनो न

महुआ टपकने की भोर में आवाज

देखो न



गीले बिखरे बालों में लताओं के फूल

और उसमें भीगते हुए होठों तक की बूंदों को

हाँ

खनक रही हैं कंगन और तुम्हारे पायल

नाच रहे हैं मोर

ध्वनि, प्रतिध्वनि, माया सब कुछ तो है

बस हम ही तो नहीं हैं...

#प्रभात

Prabhat

गूगल साभार तस्वीर

23-7-20

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