Wednesday 18 May 2016

निर्दोष

           निर्दोष
चीखती आवाज भी आज दब रही है  
अंगरेजी अँधे कानूनों से जनता चुप रही  है
आज जो भी मैं बोलता हूँ मेरा कुछ नहीं है
पैसा से लेकर ईमान भी मेरा कुछ नहीं है
आते जो भी फैसले है प्रेम से नहीं आते है
फांसी भी किसी निर्दोष को मिल जाते है 
देश की न्याय व्यवस्था को ललकारता हूँ
भ्रष्टाचार पर बैठे न्याय को ललकारता हूँ
लाल फीताशाही बनी फाईलों को झाड़ता हूँ
गरीबों किसानों के तारीखी खर्चे को दिखाता हूँ
ऊपर की कमाई देकर फैसला मिल जाता है
नेताओं और प्रधानों को जमीन मिल जाता है
गरीबों को लूट कर बन गये प्रधान है
दुनिया भर में ईमान के यही गवाह है
काम नहीं हो रहा तो पैसा चल गया है
काम नहीं हो रहा तो नेता मिल गया है
बेकसूरों पर इल्जाम तो पैसा ही यही लगाते है
पुलिस की बहादुरी भी यहीं दिख जाते है
न्याय के अदालत में फैसला जो आता है
बिना रोकड़ दिए कहा मिल पाता है
विवेचना कर रही पुलिस कितनी गुनाहगार है
एक सही रिपोर्ट देने पर भी मालामाल है
गलत रिपोर्ट लिखने में अदालत भी भागीदार है
पैसों से जमानत और जमानत ही जमींदार है  
भूख के लिए कारावास की सजा है
गरीबी के लिए वनवास की सजा है
बेसहारे के लिए पेनाल्टी मिलेंगे औरत को
जमीं जायदाद बच्चे सब मिलेंगे औरत को
दहेज़ के नाम पर क़ानून ऐसा चाहिए
रेप के नाम पर क़ानून ऐसा चाहिए
भूख के लिए कानून ऐसा चाहिए
गरीबी के लिए कानून ऐसा चाहिए
जहाँ दण्डित हो केवल असली गुनाहगार
न छीने कोई निर्दोष आदमी से उसका प्यार
जीवन में हो उसके सदाबहार,रहे खुशियाँ अपार
इसलिए चाहता हूँ मैं  देश के क़ानून में सुधार
इसके लिए जल्द ही सुधार होना चहिये
सजा के परिणाम पर विचार होना चाहिए
राष्ट्रपति से लेकर कलेक्टर तक को अहसास हो
जब कोई काण्ड हो उसमें भ्रष्टाचार में लगाम हो
अपराधी को फांसी तक का प्रावधान हो
भ्रष्टाचारी विवेचक, पुलिस, जज सब अपराधी हो
यदि उनसे कोई अन्याय सह रहा और वे भागी हो
देखिएगा एक दिन सारा विश्व दुहाई देगा
प्यारे भारत को सम्मान से बधाई देगा
भगत, आजाद, सुभाष के सपनों का भारत होगा
तभी अम्बेडकर, गांधी, बुद्ध दर्शन का मतलब होगा    
-प्रभात




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