Saturday, 1 July 2017

आसमान की गोद में रोने लगे हैं....

सितारे खुद की चमक खोने लगे हैं
आसमान की गोद में रोने लगे हैं
मैं भी एक बचपन का सितारा था
अपने प्रियजनों को बहुत प्यारा था
पाकर प्यार अभिमान छा गया था
क्रूद्ध होकर भी शांत हो जाता था
स्नेह में उनके सामान्य हो जाता था
देखो बुझ गया दीपक घर का मेरे
वो पतंगे कोई और घर ढूढ़ने लगे है
अब प्रेम की लौ से बैर करने लगे है
सितारे खुद की चमक खोने लगे हैं
आसमान की गोद में रोने लगे हैं....

-प्रभात

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