Monday, 3 July 2017

किताबों के सिवा

मत सोचो अब कि खुदा कोई पुरस्कार देने वाला है
किताबों के सिवा तुम्हारा कोई यार होने वाला है
हिम्मतें सदा रखता है जो सीने पर जोखिमों के साथ,
उसी के वास्ते हँसकर जिंदगी गुलजार होने वाला है।
मत सोचो अब कि सूखे में धान पैदा होने वाला है
बिना संभले अंधकार में तेरा मान होने वाला है
इंतजार करने के वक्त में करिए, रास्ते पे चलते हुए
फिर देखिए कैसे छूटा राही साथ पकड़ने वाला है।

-प्रभात

4 comments:

  1. किताबों से बढ़िया दोस्त नहीं, डॉक्टर नहीं

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  2. किताबों के सिवा तुम्हारा कोई यार होने वाला है?
    ....... वाह, क्या बात है.

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