मैं बहते दरिया का पानी हूँ और तुम हवा तुम जिधर
जाओगे, उधर हम चले जाएंगे।
जरूरी ये है कि तुम्हे लेकर किसे जाना है।
जरूरी ये है कि तुम्हे लेकर किसे जाना है।
ये रातें और उसमें बिस्तर पर बैठ टकटकी लगाए
देखते तुम्हारी ओर
अक्सर उसकी आँखें टकरा जाती है और तुम्हें छूकर
लौट आती है फिर पूछते हो क्या हुआ?
देखते तुम्हारी ओर
अक्सर उसकी आँखें टकरा जाती है और तुम्हें छूकर
लौट आती है फिर पूछते हो क्या हुआ?
ख्वाब बुनकर रात-दिन तुमसे पूछते-पूछते, कहते
कि तुम्हें क्या हुआ?
उसकी आँखों के भीतर का कालापन उसके दृष्ट को
धुँधला कर दिया जैसे बिना ज्योति के
कि तुम्हें क्या हुआ?
उसकी आँखों के भीतर का कालापन उसके दृष्ट को
धुँधला कर दिया जैसे बिना ज्योति के
तुम मौन हो, तुम हंस रही हो, तुम रो रही
हो, तुम
जग रही हो, आखिर किसके लिए?
जिम्म्मेदार वो है फिर भी उसके हश्र को देख गली के
पास का कुत्ता गले लगा रहा है
जग रही हो, आखिर किसके लिए?
जिम्म्मेदार वो है फिर भी उसके हश्र को देख गली के
पास का कुत्ता गले लगा रहा है
इंसानियत हो या प्यार का राग अलापने वाला इंसान
मंज़िल पर तुम्हारे साथ चलना चाहता है
उसकी सोंच, उसका हौंसला, मकसद साफ है
फिर तुम्हें उसको लेकर संदेह है
मंज़िल पर तुम्हारे साथ चलना चाहता है
उसकी सोंच, उसका हौंसला, मकसद साफ है
फिर तुम्हें उसको लेकर संदेह है
अक्सर होता क्यों है, हो जब समझदार,
दृढ़, भावुक
वो सब तुम समझ जानती भी हो
तो क्या ऐसा है जो तुमने उससे छुपा लिया, बताया नही
या चोट पहुँचाना मकसद नही समझा
वो सब तुम समझ जानती भी हो
तो क्या ऐसा है जो तुमने उससे छुपा लिया, बताया नही
या चोट पहुँचाना मकसद नही समझा
संवाद नही करोगे तो क्या, विश्वास नही
करोगे तो क्या
और सब करोगे तो भी क्या
वो भूल जाएगा अपने वजूद को, या बदल जाएगा
जो तुमसे न कहेगा बिन माध्यम के
और सब करोगे तो भी क्या
वो भूल जाएगा अपने वजूद को, या बदल जाएगा
जो तुमसे न कहेगा बिन माध्यम के
हो सकता है दरिया बिना पानी के न बह सके, बिन हवा
न मुड़ सके
लेकिन दरिया था, दरिया रहेगा भी, बताना पड़ेगा कि
आखिर ये दरिया सूख क्यों गया
न मुड़ सके
लेकिन दरिया था, दरिया रहेगा भी, बताना पड़ेगा कि
आखिर ये दरिया सूख क्यों गया
-प्रभात
No comments:
Post a Comment
अगर आपको मेरा यह लेख/रचना पसंद आया हो तो कृपया आप यहाँ टिप्पणी स्वरुप अपनी बात हम तक जरुर पहुंचाए. आपके पास कोई सुझाव हो तो उसका भी स्वागत है. आपका सदा आभारी रहूँगा!