तुम मेरे पास न आना
और मैं तुम्हारे पास भी नहीं
दूर रहना इतना दूर जितना कि पृथ्वी और आकाश
इतना कि जितना कि मेरी प्यास और समंदर का पानी
इतना कि अपाहिज और शक्तिमान
और मैं तुम्हारे पास भी नहीं
दूर रहना इतना दूर जितना कि पृथ्वी और आकाश
इतना कि जितना कि मेरी प्यास और समंदर का पानी
इतना कि अपाहिज और शक्तिमान
इतना दूर कि माउंट और मारियाना
और तब मैं तड़पूंगा और एक दिन हार मान जाऊंगा
मैं इंसान बन जाऊंगा
फिर मैं कुछ न कहूंगा
लेकिन प्यार मेरा वही होगा
जितना कि भक्त और भगवान का
जितना कि मीरा और कृष्ण का...
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