हम इस तरह मुस्कुरा रहे हैं
कि गम है उसको भुला रहे हैं
कि गम है उसको भुला रहे हैं
हम चाहते हैं जिसे खुश रखना
वो हमीं को खूब रुला रहे हैं
वो हमीं को खूब रुला रहे हैं
जो भुलाए नहीं जाते ख्वाबों से
वो हमको ही अब भुला रहे हैं
वो हमको ही अब भुला रहे हैं
माना कि चोट पहुँची तुम तलक
एहसास है तभी सहला रहे हैं
एहसास है तभी सहला रहे हैं
कदम-कदम पर मनाया है उन्हें
क्या दर्द है उन्हें जो इठला रहे हैं
क्या दर्द है उन्हें जो इठला रहे हैं
कहता हूँ प्रेम से देखो एक बार
सोचो प्रभात क्यों चिल्ला रहे हैं
-प्रभात
सोचो प्रभात क्यों चिल्ला रहे हैं
-प्रभात
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