Monday 23 September 2019

मेरी खामोशी को तीर बना कर न रख देना


मेरी खामोशी को तीर बना कर न रख देना
मैं छलनी छलनी हो जाऊंगा आहिस्ता आहिस्ता
किसी की आन पर है कोई बात मगर
किसी की शान पर भी है कोई डगर
बेदर्दी के आलम में मजबूर बना कर न रख देना


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