Tuesday, 26 July 2016

चाहे छूट गए हो रिश्ते, चाहे रूठ गए हो प्यारे

चाहे छूट गए हो रिश्ते, चाहे रूठ गए हो प्यारे
 
गूगल से साभार 
चाहे छूट गए हो रिश्ते, चाहे रूठ गए हो प्यारे
मत बनना इनकी खातिर कैसे भी हत्यारे
खूब संजोये होंगे सपने, खूब मिले होंगे जिज्ञासु
मंजिल पाने की कोशिश में खूब बहाये होंगे आंसू
सपनें टूट गये होंगे, होगा न जीवन में विश्वास
न करना फिर भी अकेले होने का अहसास
चाहे हिम्मत हार गया हो, चाहे हो सबसे हारे 
मत बनना इनकी खातिर कैसे भी हत्यारे....
-प्रभात

7 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 27 जुलाई जुलाई 2016 को लिंक की गई है.... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. वाह ... अच्छी रचना है प्रभात जी ...

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  3. बहुत ही सुन्दर रचना.बहुत बधाई आपको . कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
    https://www.facebook.com/MadanMohanSaxena

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    Replies
    1. जी धन्यवाद. हाँ जरूर

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  4. इतना कोमल ख्याल.....वाह बहुत सुन्दर !!

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