Tuesday, 5 July 2016

अरे वो छोटू

अरे वो छोटू 
-Google
अरे वो छोटू गोलगप्पे देना
सुनता नहीं क्या
मांगने वाला भी तो लड़का था
बिलकुल गोलगप्पा सा, बौना, मोटा
अच्छे खानदान का लगता था
कार से उतरा था
छोटू तो गोलगप्पा ही दे सकता था
पहले देखा सामने,
बड़े प्रेम से आँखों से निहारा
शायद उसे गोलगप्पे से प्रेम था
गोलगप्पा से क्योकि 
गोलगप्पा था तो गोरा और ऊपर से चश्मा
दे दिया जल्दी है गोलगप्पा
बोला साहेब कैसी लगी 
उलटे जवाब आया, थोड़ी मिर्च कम डाल
सभ्यता किसमें है छोटू में न
जिसने पढायी नहीं की है।
और गोलगप्पे ने बताना चाहा
कुछ कहकर
अरे 'फाइव हंड्रेड का चेंज होगा छोटू'
उसने कहा मतलब फफिफ्टी का 
वो तो नाही साहेब
गोलगप्पे की ये शिक्षा किस काम की
केवल साहेब कहलवाने की
छोटू के पास संस्कार है और
थोड़ी मेहनत, थोड़ा हिसाब
और शिक्षा गोलगप्पे के पास
काश दोनों ही किसी को मिल जाती 
हमदर्दी है मेरी, छोटू को मिले
अगर छोटू पाये तो शायद खिल जाए भारत
और अगर किस्मत गोलगप्पे के पास हो जाये
तो भारत के हाल यही रहेंगे जैसे है
विकासशील भी नहीं कहलायेंगे
जैसे अब है ये हाल और 
गोलगप्पे दौलत पर खरीदते जाएंगे
घर, जमीन, स्कूल, इंसान, और एक दिन
देश बेच देंगे!!!!
-प्रभात



2 comments:

  1. जैसे अब है ये हाल और
    गोलगप्पे दौलत पर खरीदते जाएंगे

    बिल्‍कुल सही कहा आपने ... बहुत ही अच्‍छी प्रस्‍तुति।

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    Replies
    1. तारीफ़ के लिए धन्यवाद

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