Sunday, 16 August 2015

लगता है आपसे प्रेम हो गया है

लगता है आपसे प्रेम हो गया है

 -Prabhat
अब शांत हवाएं भी तेज-तेज चलने लगी है
वृक्ष के फूल भी उड़कर तेज बिखेरने लगी है
आज ही मधुमास आ गया है
लगता है .......

सूरज की चमक अब सामने पड़ रही है
कमल कली भौरों के सामने खुल रही है
अन्धकार में ही प्रकाश आ गया है
लगता है .......

चिड़ियों की चहचहाहट ने हमें जगा दिया है
आकाश-धरती तक जल संचरण करा दिया है
आँगन में ही अप्सराओं का समूह आ गया है
लगता है .......

लताएं झुक-झुक कर स्वागत करने लगी है
कोयल के स्वर में मोरनी भी नाचने लगी है
बांसुरी लेकर ही कृष्ण आ गया है
लगता है .......

-प्रभात 

4 comments:

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