Friday, 16 September 2016

फेसबुकिया पोस्ट

आप कितने उदार है। ज्ञान देते है, और हम लोग बड़े प्रेम से दो डब्बे बने बनाये स्माईल के डाल देते है। यकीं नहीं होता मैंने अपने जीवन में इतनी सुंदरता से अभी हंसा होऊंगा। लेकिन बात क्या है न यहाँ का समाज तो कितना अच्छी तरह से बनता और बिगड़ता है, बनता है तो दूषित कहलाता है और बिगड़ता है तो प्रदूषित।
अरे भाई ई बात है न हम ठहरे बहुत सीरियस जिसे आप कभी कभार इंनोंसेन्ट केहि देत थिंन। और आप जब वह पर कोनों कमेंट पास करत जात थिंन तो हम बहुत देर बाद सोंच समझि के पूरा अपने ज्ञान के भण्डार में जाइके एक टिप्पणी उह पर कई देत थेंन। अऊर आप के बाते अलग है आप न ठहरे यूरोप और वहां से अमेरिका गए गोरी प्रजाति के लोगन यही नाते बड़ई जल्दी उह पर जुकरबर्ग कै हंसी वाला घोड़वा हम पै छोड़ देत थिंन। काहे भाई हमरे मान सम्मान इतने प्यार वाला।
नहीं जी आप न सच में बहुत अच्छी तरह जीना जानते है। हमारे यहाँ बात बात को शपथ पत्र मान लिया जाता है और आपके यहाँ हर बात को हसगुल्ला। आपको अगर कोई लड़का पसंद कर ले तो आप उसके प्यार को नकारती नहीं और न ही कभी हम जैसे समाज की तरह चप्पल बरसाती है। आपसे मैंने नमस्ते कर लिया तो आप हाई बोल कर 2 शब्द प्रेम से हाउ आर यू पूछ लेती है । हम जैसे लड़के व्हाट्स एप पर आपको इतना सजा के जवाब देते है कि आप जरा सा भी सीरियस नहीं होते और दूसरे दिन एक उत्तर में "हम्म" बरस जाता है और हालात यह होती है आपकी प्रतीक्षा में हमारा वह रात एक गाना की तरह "न जाने कितने दिनों बाद ......."; सोंचते और मुस्कराते चला जाता है।
आपका समाज कितना अच्छा है न आप को फ़िक्र ही नहीं। कुछ नहीं तो जब हम आपकी बातों पर मुस्कुरा रहे होते है तो आप मेरी मुस्कराहट पर हंस रहे होते है और कह देते है अरे क्या हुआ। भाई बात की कदर सोशल साइट पर और ज्यादे संवेदनशीलता से दिखती आ रही है सॉरी लेकिन आप संवेदन शील नहीं है आप रूचि रखते है कि हमारे लाईक और हमारी ब्यूटी दिन प्रतिदिन के एप्पल वाले फोन की सेल्फी से कितने बढ़ रहे है । आप लड़की है तो थोड़ा मुह बना देती है तो और कमेंट हम जैसे लड़के ठोक देते है, सेक्सी कह दिए तो बड़ा सा थैंक यू आता है उसका यू फोटो से भी लंबा होता है। और क्या कहें, अपना अकॉउंट चेक करके इतना खुश होती है आप क्योंकि आप के 100 फॉलोवर इनबॉक्स में लव यू कहते है और आपके फ्रेंड रिक्वेस्ट में पूरी गोल दुनिया इसलिए छायी रहती है क्योंकि आप सिंगल लगा कर मेरे जैसे न जाने कितनों के चेहरे पर मुस्कान डाल देती है।
मैंने भी चाहा क़ि कमस कम अपने फ़ेसबुक के मेल दोस्तों के साथ ही साथ फीमेल दोस्तों के बारे में जान लिया जाये क्या पता हम कभी काम आ जाये। पर हमारे सवाल सुनकर वो कहती है कि आप स्ट्रेंजर हो, कुछ का जवाब ही नहीं आता और कुछ बहनों का आता भी है तो अपने भाव इस तरह मारती है जैसे उनको लाइन मारने लगा हूँ। कुछ तो अन्फ़्रेंड कर दिए मैं "दिया"; लेकर अपने वार्ताओं के द्वारा घिरे "अंधकार" से निकलना चाहता हूँ और आप में से कोई फिर कहता है अरे सीरियस प्राणी मुझे अच्छे नहीं लगते। मैं समझ जाता हूँ यहाँ सबका दिल से जुड़ाव है ही नहीं यहाँ तो बस बिक्री और खरीददारी चलती है। शायद मैं भूल गया भईया रिश्ता से ज्यादा महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्था है..इसलिए क़ि; "न बाबू न भईया सबसे बड़ा रुपइया"।
प्रभात "कृष्ण"


11 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (17-09-2016) को "अब ख़ुशी से खिलखिलाना आ गया है" (चर्चा अंक-2468) पर भी होगी।
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    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, "एक मच्छर का एक्सक्लूजिव इंटरव्यू“ , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  3. बिक्री और खरीदारी ... किसकी!!

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    1. बिक्री और खरीददारी मैंने स्पष्ट नहीं किया है यह एक सांकेतिक शब्द के रूप में इस्तेमाल करने के लिए किया हूँ जिसका मतलब सिर्फ इतना ही है लड़के और लड़कियों के रिश्ते एक तरह से खरीदे ही जाते है सोशल साइट्स पर कमैंट्स और लाईक भी अगर हम विस्तृत रूप में देखे तो वे खरीदे और बेचे ही जाते है चाहे वे अप्रत्यक्ष रूप में भौतिक साधनों के बल पर ही क्यों न हो।

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  4. यार अब वैसा नहीं है,
    पास जब पैसा नहीं है.

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    1. अगर संभव हो सके तो जरूर बताइये आपने यहां "यार" किसके लिए इस्तेमाल किया है। उम्मीद है आप जरूर मेरा आगे मार्गदर्शन करियेगा।

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  5. यार! बचपन के मित्र के लिए इस्तेमाल किया है।

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    1. बहुत धन्यवाद, मेरी बात का महत्त्व देने के लिये और आकर दुबारा कमेंट करने के लिए।

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  6. यार! बचपन के मित्र के लिए इस्तेमाल किया है।

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