विशेष- अगर किसी व्यक्ति को
मेरे इन शब्दों से दिक्कत होती है या मेरी ये पंक्तियाँ किसी के धर्म से जुड़े भावनाओं को आहत करती हुयी दिखाई
देती है तो मैं उन सभी से क्षमा मांगता हूँ और मेरा उन सभी महानुभावों से विनम्र
निवेदन है कि वे जरा भी आहत न हो ये मेरे व्यक्तिगत विचार है. मेरा किसी के
व्यक्तिगत भावनाओं को नुकसान पहुँचाने का उद्देश्य नहीं है.
ना भगवा की ना
भगवान की जरुरत है बस ईमान की
ना मस्जिद की ना इमाम की जरुरत है
बस कुरआन की
ना ईसाई
की ना धर्म व्यवसायी की राह चलो सच्चाई की
ना
गुरुद्वारा की ना तलवार की सोंच रखो बस नानक की
राह चलो
अब राह चलो केवल इंसानों वाली राह चलो
सारे
धर्मों के भेद समझो फिर मानव धर्म की राह चलो
ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र यहाँ
कर्मों से होता है बँटवारा
साथ एक
टिफ़िन के खाने से पाखंडियों का हो रहा किनारा
मतलब के
सारे जैन ना लिखो और बुद्ध बनों तो शुद्ध बनों
करो वही
जो सही लगे अंधाधुंध पीढ़ी के संरक्षक न बनों
करो जाप
माले से उन्ही की जो मुश्किल में हमसफ़र बने
रहो
निर्मल खुद स्वयं सभी, बाबा केवल कुछ ज्ञानी बनें
बाँध चलो
बस बाँध चलो धर्म के गूढ़ रहस्य बाँध चलो
पढ़ो धर्म
फिर पढ़ाते रहो बधों नहीं प्रेम धाँगा बाधते रहो
ना भटकाव
हो ना भटकावो जरुरत है सद्काम व विचार की
ना अंधविश्वास
सोखा की न रटे मंत्र को केवल करो मन की
ना बंधक
बन रहो ना बनाओ संघर्ष करो अपने आजादी की
ना नफ़रत
की आग लगाओ केवल जरुरत है इसे बुझाने की
प्रेरणा
दो और लो सभी से केवल आगे चलने की बात करो
बात करो
और प्रयास करो केवल “सर्व धर्म समभाव” करो
-प्रभात
करो जाप माले से उन्ही की जो मुश्किल में हमसफ़र बने
ReplyDeleteरहो निर्मल खुद स्वयं सभी, बाबा केवल कुछ ज्ञानी बनें
एक सराहनीय प्रस्तुति
बहुत बहुत शुक्रिया आपको!
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ReplyDeleteना भगवा की ना भगवान की जरुरत है बस ईमान की
ना मस्जिद की ना इमाम की जरुरत है बस कुरआन की
ना ईसाई की ना धर्म व्यवसायी की राह चलो सच्चाई की
ना गुरुद्वारा की ना तलवार की सोंच रखो बस नानक की
Bhaut Khoob.......
लो जी बन गया पानी से चलने वाला इंजन !
manojbijnori12.blogspot.com
बहुत धन्यवाद!
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