Saturday, 28 March 2015

आज क्या हो गया कृष्ण आपकी परिभाषाओं में.......

रो रही हैं द्रोपदी आज विश्व की भुजाओं में
गूगल से आभार 
हिमालय से लेकर कन्याकुमारी की राहों में
कृष्ण की नगरी में और राम के अवध में
छलका था तब आंसू मगर सत्य के प्यालों में
आज क्या हो गया कृष्ण आपकी परिभाषाओं में...


दिख रही थी द्रोपदी तब धर्म की निगाहों में
चौसर की बिसात और वन की आपदाओं में
केशों की सुन्दरता के लिए लहू की सीमाओं में
आज क्या हो गया अर्जुन क्यों नहीं हो विपदाओं में
आज क्या हो गया कृष्ण आपकी परिभाषाओं में...


सह रही थी तब कष्ट सीता, श्रीराम की यादों में
सो रही थी वाटिका में अपमान की छांवों में
पति प्रेम का दंड लिए अग्नि तक परीक्षाओं में
आज कैसे बचें सीता जब तब थी यातनाओं में
आज क्या हो गया कृष्ण आपकी परिभाषाओं में...
                          -"प्रभात"  

10 comments:

  1. सुन्दर रचना !
    मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है

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  2. बहुत बढ़िया प्रस्तुति...

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  3. बहुत सुन्दर और सार्थक रचना...

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  4. बहुत ही अच्‍छी रचना प्रस्‍तुत करने के लिए धन्‍यवाद और बधाई।

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