उड़ उड़ कर गिरने से अच्छी
कोई बात नहीं होती
बच्चे को गौरैया बनने में
पूरी दिन रात न होती
मकान बने हैं बहुत यहां कोई
रास नहीं आता
बस धरती पर जगह और खुला
आसमां मिल जाता
तीखे कड़वे संवाद में रोना
धोना चलता है
कर्कश आवाजों के साये में
चुप रहना ही पड़ता है
बनी राह पर चलने से अच्छा
कहीं पर रुक जाना है
राहों में राह बनाने से
अच्छी कोई बात नहीं होती
बच्चे को गौरैया बनने में
पूरी दिन रात न होती
-प्रभात
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