Wednesday, 1 March 2017

फैसला प्यार का

गूगल आभार 
एक फैसला प्यार का किताब लिखा करते हैं
वही सफर प्यार का अहसास लिखा करते हैं
किसी बात से वफ़ा- बेवफा नहीं हुआ करते 
तकदीर से बेवफा वफ़ा नहीं हुआ करते हैं
बदले में किसी को कुछ हासिल क्यों हो
किसी की चाहत तुम्हारी ही क्यों हो
प्यार देना था हमें तो हमने दे दिया उन्हें
तो प्यार मिले भी ये शर्त ही मंजूर क्यों हो
कुछ हकीकत प्यार में आकर छुप जाते है
नदी, नाले और नाले, नदी बनकर रह जाते है
राह में किसी मोड़ पर संभलना मुश्किल नहीं
अक्सर सहारा देने वाले ही पहले खो जाते है
ठोकरें मिलती है ये सोंच कर प्यार मत कीजिये
जिंदगी जीने के लिए सिर्फ इजहार मत कीजिये
हर मुश्किल में अपने साथ किसी को मत लीजिये
साथ छूटने पर हाथ पकड़ने की फ़िक्र मत कीजिये

-प्रभात

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