गूगल से साभार |
एहसास दिलों की लेकर, इक बात
कहता हूँ
मैं तुम्हें प्यार करता हूँ
हाँ मैं तुम्हें प्यार करता हूँ.......
दिन -रात तकूँ कल्पित चेहरे को तेरे
मोह लिया जिसने प्रियतम को
जिसने देखा छुपे तारों में तुमको
हर-पल सकूँ देख मन से ऐसे गहरे
बहार फूलों का लेकर, इक बात कहता हूँ
मैं तुम्हें प्यार करता हूँ
हाँ मैं तुम्हें प्यार करता हूँ.......
प्रभात "कृष्ण"
जिसने देखा छुपे तारों में तुमको
हर-पल सकूँ देख मन से ऐसे गहरे
बहार फूलों का लेकर, इक बात कहता हूँ
मैं तुम्हें प्यार करता हूँ
हाँ मैं तुम्हें प्यार करता हूँ.......
प्रभात "कृष्ण"
कुछ न कह कर भी सब कुछ कह दिया..
ReplyDeleteये तो एक कवि के पढ़ने का नजरिया है।
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