एक एक करके सब
दोषी मुझे ठहराते गए
पहचानना तो
कौन चाहता है
मुझे....
दोषी मुझे ठहराते गए
पहचानना तो
कौन चाहता है
मुझे....
वक्त का तकाजा है
एक दिन आएगा वह भी
जब आओगे और कहोगे
कि गलती हुयी।
रो देना शायद कम हो जाये
तुम्हारी मुसीबत ।
हम तो उदास होते है
रो भी लेते है अकेले
और राह देखते है
कि पहचानने का वक्त
कब आएगा...शायद
तब भी मुझे ही
सबसे ज्यादा पछताना पड़े
प्यार की छटपटाहट में,
चाहकर लौटा न पाने के लिए
बीता हुआ वक्त ....।।
एक दिन आएगा वह भी
जब आओगे और कहोगे
कि गलती हुयी।
रो देना शायद कम हो जाये
तुम्हारी मुसीबत ।
हम तो उदास होते है
रो भी लेते है अकेले
और राह देखते है
कि पहचानने का वक्त
कब आएगा...शायद
तब भी मुझे ही
सबसे ज्यादा पछताना पड़े
प्यार की छटपटाहट में,
चाहकर लौटा न पाने के लिए
बीता हुआ वक्त ....।।
-प्रभात
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