बिना
शब्दों के प्यार हो जाता है !!!
अच्छी
बात नहीं लगी न
पर क्या ऐसा नहीं होता?
गूंगा प्यार नहीं करता?
गूगल साभार |
बिना
सुने कोई बहरा कैसे सुन लेता है
अपनी
प्रेमिका की बातें...
कैसे
प्यार करता है
अपनी
पत्नी से अपने बच्चों से भी
बिना
संवाद के तो
प्यार
के वशी भूत मोर
अपनी संगिनी का दिल
मोह
लिया करते है
लेकिन
प्यार के लिए,
होती
तो है न एक भाषा
वह
जरूरी नहीं कि बातों से हो
तभी
तो हो जाता है
अंतरक्षेत्रीय, अंतरराज्जीय, अंतर्देशीय प्यार
और
प्यार वहां भी हो जाता है
जहाँ
कोई चेहरा नहीं होता
केवल
विश्वास होता है
केवल काल्पनिक दुनिया का प्यार
इसलिए ही शायद जरूरी नहीं,
प्यार
में तीन शब्द आयी,
लव, यू
तीन
अक्षर से बना शब्द प्यार
और जरूरी नही कुछ कहना
हाँ करना जरूरी है इजहार ...
उसके
लिए भाव ही काफी है..
-प्रभात
सच कहॉ......... अच्छी कविता
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद !!!
Deleteबढियाँ..
ReplyDeleteधन्यवाद
Deleteबहुत-बहुत धन्यवाद !!!
ReplyDeletesach kaha....pyar kay liye ehsas hi kafi hai .....sundar shabd rachna
ReplyDeleteबहुत- बहुत धन्यवाद। आपका साथ यूँ ही हर जगह बना रहे।
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