Thursday 9 August 2018

समाज का आईना देखिए

एक भाई साब जैसे ही मुर्गी को एक थैली में लटकाए और चाकू को दूसरे हाथ में पकड़े रसोई में प्रवेश किए तो मुझसे कहने लगे कि ये लोग कितने हिंसक हैं जिंदगी बर्बाद कर दी है इन्होंने उसकी। इतनी दरिंदगी से पेश आये। पीट-पीट कर उसे मार डाला। मैंने कहा हां, बहुत गलत किया।
अच्छा चलिए खाना खाते हैं, क्या लाए हैं, आपको क्या अच्छा लगता है, उसने कहा।

मुझे शाक सब्जी के सिवा कुछ भी नहीं, मैंने कहा।

मुझे तो उसका जेनाइटल पार्ट खाने में बहुत ही अच्छा लगता है।...... यार मंदसौर वाली कहानी कितनी दर्दनाक है। बच्चे को नहीं छोड़ा। तड़पते हुए......,उसने कहा
जरा एक पीस देना उसने अपने दोस्त से कहा, ये लो पीछे का पार्ट, इतना कहते हुए उसने दे दिया। और वह कत्ल, दरिंदगी और हिंसा पर जमकर लेक्चर देता गया, साथ ही उसने ये भी बताया कि कैसे उसके यहाँ प्रोग्राम में जानवरों को पानी मे उबाल उबाल कर मारा जाता है।
-----------------------------------
यार तुम्हें पता है कि वो लड़की जो अभी तुम्हें मिली थी वो रंडी है उसने कई लोगों के साथ सेक्स किया है। मैंने पूछा, अब तक तुमने कितने लोगों के साथ किया.......
वह हिचकिचाया और उसने कहा लेकिन....मैंने तो बस गिनती नहीं है.....
------------------------------------
अच्छा सुनो तुम मुझे किस करना बंद करो चलो पेड़ के पास बैठते हैं जहां कोई हमें देख न ले......और ये बताओ तुम इतने झूठ कैसे बोल सकते हो कि तुम कल उस सांवली लड़की के साथ पार्क में बैठे थे....अरे वो मिल गई थी। और तुमने क्या क्या छुपाया।
तुम तो बहुत झूठे हो..., उस लड़की ने उस पर गुस्सा करते हुए कहा।
तभी उस लड़की के पास उसके पिताजी का कॉल आया, बेटा तुम कहाँ हो
मैं....पापा अभी मार्किट आयी हूं, थोड़ी देर में बात करती हूं
....................................
बीयर पीने में क्या है, दारू तो पहाड़ों में जहां बर्फ पड़ती है वहां पीने में आनंद है, और तो छोड़ो कसौल चलेंगे वहां एकाध कश तो ले ही सकते हैं। वैसे भी इसी का आनंद है, इतना वह कह ही रहा था तभी उसने देखा
पास में बैठा एक रिक्शा वाला पीकर बड़बड़ा रहा था। उसने कहा अरे ये पियक्कड़ लोग इतने घटिया लोग हैं, दारू पीकर बड़बड़ा रहा है, काफी तेज दुर्गंध आ रही है। ऐसे लोगों को पकड़ के पीटो

#प्रभात

इसमें कुछ भी साहित्य नहीं है। सच सीधे आप तक, इसलिए आपका पसंद नापसंद करना मेरे लिए जरूरी नहीं।

No comments:

Post a Comment

अगर आपको मेरा यह लेख/रचना पसंद आया हो तो कृपया आप यहाँ टिप्पणी स्वरुप अपनी बात हम तक जरुर पहुंचाए. आपके पास कोई सुझाव हो तो उसका भी स्वागत है. आपका सदा आभारी रहूँगा!