मस्जिद बनाने वाले मुसलमान बताते है
मंदिर बनाने वाले खुद को हिन्दू बताते है
पर इंसान बनाने वाले को भगवान् बताते है
बांटकर किसी फल के बीज को सताते है
क्यों हिन्दू और क्यों मुसलमान बनाते है
क्यों इंसान बनाने वाले भगवान बनाते है
पहले तो हिन्दुओं हरिश्चद्र और राम बनो
मुस्लिमों पैगम्बर और कुरआन तो बनों
पूजने वाले आजकल बाबर को पूजते है
स्वदेशी कबीर और रसखान को पढ़िए
बाबर छोड़िये नहीं तो देश हम बताते है
राम मंदिर छोड़िये नहीं तो राम-२ बताते है
-प्रभात
सच कहाँ ... अच्छी कविता
ReplyDeletehttp://savanxxx.blogspot.in
thanks!
Deleteबहुत सुन्दर रचना ..
ReplyDeleteआपको जन्मदिन की बहुत बहुत हार्दिक मंगलकामनाएं!
बहुत बहुत शुक्रिया!
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