Thursday, 21 May 2015

यूँ ही...


12 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (22-05-2015) को "उम्र के विभाजन और तुम्हारी कुंठित सोच" {चर्चा - 1983} पर भी होगी।
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    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
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  2. सुंदर,प्रेरित करती हुई.

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  3. हौसलों के उड़ान बहुत लम्बी होती है ...
    बहुत सुन्दर

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  4. सुंदर प्रेरणात्मक

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  5. हौसले बुलंद होना चाहिये, फिर मंजिल तो अपने आप मिलती है।

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    1. विचार प्रकट करने के लिए शुक्रिया आपको!

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