कुछ
लोग अपनी परेशानियों को छुपा जाते हैं
फिर भी दर्द में आवाज उनके, बदल जाते हैं ।
कुछ दोस्त होते है बातें सुनने को उनके
कुछ समझते है, तो कुछ मजाक बना जाते हैं ।
वक्त बदलता है जैसे घड़ी की सुईओं के साथ
कुछ कठिनाईयां ही, बहुत कुछ सिखा जाते हैं ।
ईश्वर ने बना कर नहीं भेजा था कुछ लिखने वाला
पर दर्द ही न जाने क्यूँ, सब कुछ सिखा जाते हैं ।
बयां करते है हर किसी को अपनी बातों से ही तो वे
बातें न करने को हो तो, फिर रास्ते कैसे बदल पाते हैं ।
अफसोस होता उनको जिनकी बातों को वे सुनते नहीं
सुनते भी हैं तब, जब वे चले जाते हैं ।
-“प्रभात”
फिर भी दर्द में आवाज उनके, बदल जाते हैं ।
कुछ दोस्त होते है बातें सुनने को उनके
कुछ समझते है, तो कुछ मजाक बना जाते हैं ।
वक्त बदलता है जैसे घड़ी की सुईओं के साथ
कुछ कठिनाईयां ही, बहुत कुछ सिखा जाते हैं ।
ईश्वर ने बना कर नहीं भेजा था कुछ लिखने वाला
पर दर्द ही न जाने क्यूँ, सब कुछ सिखा जाते हैं ।
बयां करते है हर किसी को अपनी बातों से ही तो वे
बातें न करने को हो तो, फिर रास्ते कैसे बदल पाते हैं ।
अफसोस होता उनको जिनकी बातों को वे सुनते नहीं
सुनते भी हैं तब, जब वे चले जाते हैं ।
-“प्रभात”
So good.
ReplyDeleteबढ़िया ग़ज़ल
ReplyDeleteसुन्दर ग़ज़ल !
ReplyDeleteदिल की बातें !
शुक्रिया!
Deleteबयां करते है हर किसी को अपनी बातों से ही तो वे
ReplyDeleteबातें न करने को हो तो, फिर रास्ते कैसे बदल पाते हैं ।
वाह ...बेहतरीन ग़जल
मेरे ब्लॉग तक भी आईये बहुत अच्छा लगेगा रंगरूट
शुक्रिया!
Deleteआभार!
ReplyDeleteकुछ दोस्त होते है बातें सुनने को उनके
ReplyDeleteकुछ समझते है, तो कुछ मजाक बना जाते हैं ।
..जो मजाक बनाते हैं वे दोस्त नहीं हो सकते ..
बहुत बढ़िया
शुक्रिया...बेहतर टिप्पणी के साथ सार के लिए आभार!
ReplyDelete