Sunday, 9 February 2014

हो रहा वसंत आगमन!

 हो रहा वसंत आगमन
हो रहा प्यारा गगन
आम्र की डालिया बौरों को दिखा रही है 
सरसों के खेत फूलों से लहलहा रही है 
बेल के फूलों से बढ़ा पत्तों का शान,
लेकर सुगंध बह रहा पवन
हो रहा वसंत आगमन
हो रहा प्यारा गगन

सतरंगी किरणें फूलों को सजा रही हैं
इधर उधर चिड़ियाँ चहचहा रही हैं
हर दिशाओं को देखने लगा ये मन,
हरियाली छाई है बन बन
हो रहा वसंत आगमन
हो रहा प्यारा गगनl

कुछ कोपलें छुपती दिख रही हैं
पर्ण पल्लव सोकर अब उठ रही है
लताओं में मानों हो रहा संचार,
हो रहा वसंती बागवान
हो रहा वसंत आगमन
हो रहा प्यारा गगनl

सजी रंगी बगियाँ अब महका रही है
पतझड़ को ये अब भुला रही है
भ्रमर हो रहा अब मगन,
मंज़िल पाने चल दिया मन
हो रहा वसंत आगमन
हो रहा प्यारा गगनl

                            -प्रभात 

2 comments:

  1. अनुपम रचना...... बेहद उम्दा और बेहतरीन प्रस्तुति के लिए आपको बहुत बहुत बधाई...
    नयी पोस्ट@मेरे सपनों का भारत ऐसा भारत हो तो बेहतर हो
    मुकेश की याद में@चन्दन-सा बदन

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  2. शुक्रिया पधारने के लिए!

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