लिखने लगा हूँ मैं ..जो सहने लगा हूँ मैं
आदत सी हो गयी... अब जो कहने लगा हूँ मैं
कसमें है वादें है झूठे... खाने लगा हूँ मैं
होश में भी आके मैं... सब बताने लगा हूँ मैं
फ़िक्र नहीं है खुद की भी...तो गाने लगा हूँ मैं
आदत सी हो गयी... अब जो कहने लगा हूँ मैं
कसमें है वादें है झूठे... खाने लगा हूँ मैं
होश में भी आके मैं... सब बताने लगा हूँ मैं
फ़िक्र नहीं है खुद की भी...तो गाने लगा हूँ मैं
बड़े बदनसीब बनकर आये है हम-2
जीने के लिए सारी... जिन्दगी भी है कम
चलते चलते सपनों में ....खोने लगा हूँ मैं
दुनिया वालों मेरी सुध भी ले लो-2
हंसने -गाने के सुख भी दे लो
जाने कहा से अब.....डरने लगा हूँ मैं
सहने लगा हूँ .....बस कहने लगा हूँ मैं
जीने के लिए सारी... जिन्दगी भी है कम
चलते चलते सपनों में ....खोने लगा हूँ मैं
दुनिया वालों मेरी सुध भी ले लो-2
हंसने -गाने के सुख भी दे लो
जाने कहा से अब.....डरने लगा हूँ मैं
सहने लगा हूँ .....बस कहने लगा हूँ मैं
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