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मैं अब खुश हूँ दुःख को दबा आया हूँ
क्योंकि आज मैं दो पैग लगा आया हूँ ।
साइकिल की रफ्तार आज कारों को फेल कर दी है
मेरे बीड़ी ने अब पर्यावरण को प्रफुल्लित कर दी है ।
बगीचों में अब फूलों को जो हंसी आयी है
वो सब इन्ही की बदौलत काम आयी है।।
रोटी खाने का शौक नहीं चिकन ने क्या खूब जमाया है
दुनिया में मेरे सिवा कोई और नहीं ये आज ही पता चल पाया है ।
कोई गम अगर था भी तो इन खुशियों ने भुला दिया
मेरे जिंदगी के सारे सपनों को क्या राह नयी दिखला दिया।।
तुम होश में क्यों नहीं; मेरे सामने लुढक नहीं रहे
थोड़ा पी लो शौक से कुछ और कह नहीं रहे ।
आज पीने वालों का दिन हैं अब बेवकूफी मत करो
मेरे दोस्त होने की मेरी अब बेइज्जती मत करो ।।
मैं ही मैं किसी और की बात क्यों करो
मेरी सुनो मेरे से सच किसी झूठ की बात क्यों करो
इतिहास गवाह है मुझे नया जीवन दिलाने की ।
बस एक बार दिखाया था मैखाने की राह
तब से जरुरत नहीं पड़ी किसी और के दिखाने की।।
मैं अब बताता हूँ तुम्हे कॉलेज की बात
था कभी अकेला जब एक युवती के साथ
क्या लड़की थी मैंने तब ही बताया था ।
आज तक नहीं समझ आया मैं क्यों नहीं उसे पाया था।।
जिंदगी की राहों में बस इतना ही सफर था
अब तुम बताओ क्या ये सच नहीं था ।
क्यों लगाते नहीं फौरन फोन उसको
आज कुछ कहना जरुरी है बोल दो उसको
दोस्त पीने लगा है अब उसे किसी लड़की की जरुरत नहीं है ।।
अरे दो और पैग बनाओ एक उसके भी नाम
घर वालों के नाम नहीं घर वाली के नाम ।
घट जायेगा सारा बोझ और पीने के साथ
मतलब के सारे यार बस ये ही तो है साथ ।।
अब मत समझना दोस्त कि मैं ही केवल पीता हूँ
तुम्हे अमेरिका से लेकर अपनी दूकान तक घुमाता है ।
पीना कोई बुरी बात नहीं पर
आज पी लेता हूँ तो कभी पीता नही।
हाँ शौक से कोई कह दे तो जल्दी मना करता नही।।
-"प्रभात"
बढ़िया :)
ReplyDeleteरोचक.....
ReplyDeleteशुक्रिया.......
DeleteGood.
ReplyDeleteThanks!
Deleteहकीकत बयाँ करती लाजवाब प्रस्तुति हमेशा की तरह धारदार और मारक
ReplyDeleteविनम्र आभार..
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