परेशानियां तो हर किसी के पास हैं। कोई बता देता है तो कोई छिपा
लेता है। चेहरे के भावों को जिससे पढ़वाना चाहते हैं वो नहीं पढ़ पाता और जिसे नहीं
तव्वजो देते वो आपके हर सुख दुख की कहानी पढ़ता जाता है।
जिसे हम जितना दूर फेंकना
चाहते हैं वह उतना ही करीब उड़ कर आ जाता है। हवा भी उसका साथी बन जाता है। लेकिन
जिसे हम पास देखना चाहते है वह टूट कर बिखेर दिया जाता है या फिर खुद ही बिखर जाता
है। उसे हर कोई हासिल भी करना चाहता है
, हवा को उड़ाने
के लिए कुछ बचता ही नहीं है। कोई चीज जितनी सुंदर हो या मनमोहक, जिससे प्रेम हो जाए..उससे अलगाव होना उस सौंदर्य की गाथा में निहित है।
खुशियां किसी भी चीज को हासिल करने के बाद अगर आती हैं तो वह खुशी नहीं बल्कि
स्वार्थ सिद्धि होने में जाया की गई ख़ुशियों को पुनः पा लेना है लेकिन असली खुशी
तो तब है जब वह परेशानियों के साथ ही उसमें खुश रहने की वजह ढूंढ़ लेता है।
तस्वीर: गूगल साभार
No comments:
Post a Comment
अगर आपको मेरा यह लेख/रचना पसंद आया हो तो कृपया आप यहाँ टिप्पणी स्वरुप अपनी बात हम तक जरुर पहुंचाए. आपके पास कोई सुझाव हो तो उसका भी स्वागत है. आपका सदा आभारी रहूँगा!