मैं बोला: जो रोता, चीखता है,
चिल्लाता है वो कवि कहलाता है
वो बोले: जो रुलाता है, चीख लेता है और चोच चलाता है वो कवि कहलाता है
वो बोले: जो रुलाता है, चीख लेता है और चोच चलाता है वो कवि कहलाता है
देख ल्यो भईया केपहर विश्वास बाय😀
बस इतनी सी #सा सत (सियासत) है...
सड़क पर मार्च होगा, कैंडल लाइट भी
जलाएं जाएंगे
सत्ता पर सियासत होगी, विरोधी गुट बनाएं जाएंगे
नेता का कोई बयान आएगा, घर-घर जलाए जाएंगे
भड़काने वाली मीडिया होगी, हिंसा करेगी जनता
और फिर??
गरीबों पर अत्याचार होगा, हजारों मारे जाएंगे
एक दिन सरकार बदलेगी फिर गद्दी पाने की सियासत
और फिर??
शुरू होगा जनअभियान, मार्च और आंदोलन भूल जाएंगे
लोकतंत्र में सरकार बनेगी, और फिर वही गद्दी से उतारे जाएंगे।
सत्ता पर सियासत होगी, विरोधी गुट बनाएं जाएंगे
नेता का कोई बयान आएगा, घर-घर जलाए जाएंगे
भड़काने वाली मीडिया होगी, हिंसा करेगी जनता
और फिर??
गरीबों पर अत्याचार होगा, हजारों मारे जाएंगे
एक दिन सरकार बदलेगी फिर गद्दी पाने की सियासत
और फिर??
शुरू होगा जनअभियान, मार्च और आंदोलन भूल जाएंगे
लोकतंत्र में सरकार बनेगी, और फिर वही गद्दी से उतारे जाएंगे।
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