जब लॉक डाउन और
सोशल डिस्टनसिंग का जमाना चल रहा हो तो...
हर दिन खुद को
सलामत रखने की दुआ करूँ
बहुत बेहिसाब हो
रहा है दुआओं का असर अब
किस पल कैसे सबके
साथ रहने की दुआ करूँ
.............
मोहब्बत की तासीर
मुकम्मल हो बिछड़ेंगे यूं न कभी
बहुत मजमा है
मेरी आँखों में लिखना है कभी न कभी
अब मुझे बता
परवरदिगार, कब होंगे मेरे
अरमां पूरे
कि मैं अपनी नज्मों
से तबस्सुम का इत्र बिखेरुँगा
#प्रभात
Prabhat

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