एक पत्थर
नहीं हज़ार
है ,किसे
पूजना है
किसको देखना
है ,
इन यादों
की तो
भरमार है
, किसे याद
है किसको
पाना
है ,
क्यूँ एक
मोती की
तलाश है,
जिसे लाना
है और
रखना है
,
ऐसे सवालों
का कितना
जवाब है
, जिसे बताना
है और
अपनाना है
"प्रभात "
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