Wednesday 10 October 2018

बकवास


जन जीवन अस्त व्यस्त है
सड़कों का बुरा हाल है
घर में बवाल है
किधर से जाओगे
पैदल, गाड़ी से या फिर कंधे पर
मैंने कहा कविता करते हैं पहले

हाँ तो लड़की का चक्कर है
बहुतेरों में टक्कर है
कॉलेज का चुनाव आने वाला है
मैंने सोचा कहानी कुछ आगे जायेगी
लेकिन ये तो यही अटक गई
आप सोच रहे होंगे कहानी मज़ेदार है
लेकिन बता दूं इसमें न कोई किरदार है
बस बात नहीं बकवास है
अब तक पढ़ लिए हो तो सलाम है
फिर मिलते हैं




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