Wednesday, 10 October 2018

बहुत पास हो तुम


कुछ हंसी और कुछ खुशी जब भी होती हैं लबों पर
तुम्हारे गुलाबी होठों के बहुत पास आने का मन करता है
तस्वीरः गूगल साभार


नजरें मेरी अगर तस्वीर क्लिक कर पातीं
तो मैं तुम्हें भी दिखा देता एक छाया ही सही
अगर मेरी तरह तुम सोच पाती
वो मुस्कान जिसे मैं अनुभव करता हूँ
दिन-रात मुझे हँसाती रहती हैं
जब भी मैं खामोश होता हूँ,
तुम्हारे चेहरे के पास अपना चेहरा ले जाने का मन करता है

कुछ हंसी और कुछ खुशी जब भी होती हैं लबों पर
तुम्हारे गुलाबी होठों के बहुत पास आने का मन करता है

हारा हुआ मेरा जिस्म शून्य सा खाली खाली लगता है
न जाने क्यों तुमसे मिलता हूँ तो होली दीवाली लगता है
लिबास लिपटे हों मन के तुम्हारे, मेरे बदन पर
हर सांस छूकर मिल रही तुम्हारी लगता है
शाम को गगन में निहारते दिन प्यारा लगता है
जब भी मैं ख्वाब देखता हूँ
तुम्हारे करीब रहकर भी और करीब जाने का मन करता है

कुछ हंसी और कुछ खुशी जब भी होती हैं लबों पर
तुम्हारे गुलाबी होठों के बहुत पास आने का मन करता है


-प्रभात

2 comments:

  1. हर मोड़ पर
    मिल जाते हैं फिर फिर
    न हो के जुदा
    पूछे ये ख़ुदा से
    ये उसकी लिखी
    अपनी क़िस्मत नहीं
    तो फिर क्या है

    ReplyDelete

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