मेरे पास नहीं हो तुम तो क्या नजरें अब कोई और मिलाता है
व्यर्थ नहीं है कुछ भी मालूम संगीत नया कोई तो सुनाता है
तूफान चले, चाहे आये सुनामी निडर आफत में राह बनाता है
पूजो और इबादत करो उसकी जो संकट में भी गले लगाता है
-प्रभात
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