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Thursday, 2 July 2015

मेरे एहसास अगर तुम पर लिखते चले गए.....

मेरे एहसास अगर तुम पर लिखते चले गए, तो दुनिया मुझे पागल समझने लगेगी





मेरे एहसास अगर तुम पर लिखते चले गए, तो दुनिया मुझे पागल समझने लगेगी
हिसाब प्यार का मांगने मुझसे कहीं आ गए, तो ये कलम ही मुझे बुद्धू बताने लगेगी
बता दूँ अभी यहाँ अपने जिन्दगी का हाल तो दुनिया मुझे ही पागल समझने लगेगी
मेरे एहसास........................................................................................

मुहब्बत थी झूठी या कहानी थी, कागज पर लिखा था और लिखता चला गया
मैं अपने प्यार से बेखबर रहा और खबर मिली तो बस तनहा सा होता चला गया
कभी खुशबू अगर होगी तुम्हारे आने की यहाँ, तो साँसे रुक रुक कर चलने लगेगी
मेरे एहसास..........................................................................................

कहीं भी जाता हूँ तो खो सा जाता हूँ, अपनी हुनर पर ही बेवजह शक छोड़ जाता हूँ
अपने रिश्ते के कितने कठिन आयाम है, जो मुश्किलों में बस दो लाईनें छोड़ जाता हूँ
पता है मुझे तुम्हारे क़द्र की खबर, कहीं बता दूँ तो दुनिया मुझे पागल समझने लगेगी
मेरे एहसास.........................................................................................

रात चांदनी होती है आजकल मगर, मेरी हालत देख कर उसे सुलाना आ गया है
वो जब मुझे ऐसे बैठे देख लेती है तो लगता है अमावस रात कुछ कहने आ गया है  
हलचलों में जिन्दगी के हम अगर तटस्थ हो गए तो दुनिया मुझे पागल समझने लगेगी
मेरे एहसास..........................................................................................

ये प्यार की रश्में कितनी काम की है यहाँ, जहाँ देखो वही तुम्हारा नाम आ जाता है
वर्षों हो गए मुलाकात के अपने, मगर हर रात सपनों में ही अपना साथ मिल जाता है
अब अगर बेशर्मी में खुद से ही कुछ बात कर लूँ, तो दुनियां मुझे पागल समझने लगेगी  
मेरे एहसास...............................................................................................

-प्रभात