Saturday 25 June 2016

मैं अपनी ही दुनिया भूल गया


मैं अपनी ही दुनिया भूल गया
-गूगल से साभार 
कभी चाँद देखा कभी सितारों को
मैं अपनी ही दुनिया भूल गया
मौसम को बदल डाला हमने मगर
मौसम से बदलना भूल गया
दुनिया भर में औरों ने बनाये है मार्ग
मैं खुद का द्वार बनाना भूल गया
बेहिसाब की है मेरी खुद की लगन
खुदा को हिसाब देना भूल गया
न पोखरा देखा न सावन का झूला
मैं गाँव की बारिश भूल गया
कभी चाँद देखा कभी सितारों को
मैं अपनी ही दुनिया भूल गया
-प्रभात

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