चाहिए उसे बस है गुजरे अकेले मौत से खाली
गूगल से साभार |
तमन्ना है, जो होनी चाहिए वो मुश्किलों से खाली
कोई इंसान खुद की राह चले या खुदा की खाली
पढ़ेगा उसे जमाना जहां होगा यह फैसला खाली
गिरेगा कांच भी बनकर पत्थर, रहेगा कांच खाली
चाहिए उसे बस है गुजरे अकेले मौत से खाली
चीखते हैं, जहां वो लोग अकेले कठघरे में खाली
वहां अपना हो या पराया कोई, वो देखेगा खाली
करोगे तुम्ही अर्पण सुबह का ओंस (बिन्दुस्राव) बनकर खाली
तड़फ की रात के बाद मिलेगा सूकून ही खाली
भीड़ है, तो वहां संभालना है खुद भीड़ से खाली
चलना है अकेले जहाँ कोई हमसफ़र न हो खाली
वहां तो न
छाया है कोई, है वो पेड़ों से खाली
कोई इंसान खुद की राह चले या खुदा की खाली
पढ़ेगा उसे जमाना जहां होगा यह फैसला खाली
गिरेगा कांच भी बनकर पत्थर, रहेगा कांच खाली
चाहिए उसे बस है गुजरे अकेले मौत से खाली
चीखते हैं, जहां वो लोग अकेले कठघरे में खाली
वहां अपना हो या पराया कोई, वो देखेगा खाली
करोगे तुम्ही अर्पण सुबह का ओंस (बिन्दुस्राव) बनकर खाली
तड़फ की रात के बाद मिलेगा सूकून ही खाली
भीड़ है, तो वहां संभालना है खुद भीड़ से खाली
चलना है अकेले जहाँ कोई हमसफ़र न हो खाली