आप सभी को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं!!
प्रेम और सहयोग
प्रेम
तुम उम्मीद हो तुम ही मेरी जीत हो
बचता कुछ नहीं सिवा तुम मेरे प्रीत हो
बंधती है आशाएं मंजर के गुथने से
टूटती है निराशाएं तबस्सुम की प्रीत से
करीब देखता हूँ बादलों के उमड़ने में
लगता भय सा है पर विश्वास ही हो
बरस के आते जब मेरे पास हो
तुम ही क्या एक हो जो मेरे साथ हो
सहयोग
निहारने को चल रही हो अप्सराओ के संग में
सहयोग के रास्ते में रात बंधती दिख रही उजाले
में
ऊंची चोटियों से देखता हूँ सुबह का होना जब
मैं
खिल जाता हूँ प्रकाश में उस अनुराग के साये
में
प्रभात
विनम्र आभार
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