Tuesday, 1 June 2021

काश सब अच्छा होता

 इन आंखों में अजब सी कशमकश है

काश सब अच्छा होता

उदासी हर तरफ है, लाशें हर तरफ हैं

काश कोई किनारा मिलता तो अच्छा होता

बढ़ी बेचैनी और झिलमिलाहट जिंदगी में

सब तरफ पसरा सन्नाटा आंगन में

महफूज कौन है, किसका साया है ऊपर

काश सब कुछ न उजड़ता तो अच्छा होता

प्रतिद्वंद और प्रतिकार में जी रहे हैं वो

किसी की मौत का इंतजार कर रहे वो

उन्हें मालूम नहीं कि जन्नत में कौन है एकाकी

काश कोई तो निहार पाता तो अच्छा होता

ये अंधेरा है, मालूम नहीं चांद भी देखेगा

अस्तित्व की बात है कौन अब रहेगा

सूरज तो निकलना बहुत दूर की बात है

काश अंधेरा ही छटता तो अच्छा होता

काश सब अच्छा होता!

#प्रभात

प्रभात

(मां के बीमार होने पर और बस में बैठकर लिखी पंक्तियां)

7-5-21

कर लो सारी संपत्ति सीज महामहिम

कर लो सारी संपत्ति सीज महामहिम

मैं तो चिल्लाऊंगा सिस्टम कोलैप्स हो गया

मेरी गुड़िया नहीं रही, मेरी पत्नी नहीं रही

मैं तो भड़काउंगा सब बिना इलाज हो गया

सुबह ही डॉक्टर ने माना कोविड नहीं

फिर नो मोर का सिग्नल देने आ गए

सुबह ही कार से आये थे छोड़ने

और अब अर्थी उठी है

सुबह ही सुबह ही सुबह ही सब गजब हो गया

घर में कोई नहीं बचा, सब अनाथ हो गया

माता जी तो मुंह से फूंक भरती रही हैं साँसों के लिए

आज वो बाप भी बहुत दूर निकल गया

कोई सिलेंडर लाते लाते निकल गया,

कोई कांधे में लादे लादे निकल गया



हैरत में हूँ कि कुर्की जब्ती में लाशों का कोई मोल नहीं सरकार!

क्या कुछ बचा है वही लूट लो अबकी बार

अच्छा बैठे हो गद्दी पर जब तक बैठे रहो

तुम्हारी दुकान तक कोई तो आएगा ही सही!

तुमको लाशों से सजाने कोई आएगा ही सही!

......

#प्रभात

Prabhat

25-04-21

इसे भी वे कमजोरी समझते रहे...

 एक जिक्र था मेरी साँसों में किसी के होने का

वो तो बस इसे सांस समझते रहे

न जाने कितनी कोशिशें की

दीवार खड़ी न हो मेरे हिस्से की

इसे भी वे कमजोरी समझते रहे...

#प्रभात

9-3-21

किसान तो बदनाम हुये

 किसान तो बदनाम हुये, हो रहे हैं, होते रहेंगे!

आज तक जो था वो है वो करता रहेगा

पूछता है भारत का ड्रामा करके वो पूछता रहेगा

मुख्य मुद्दे पर बात तो न की थी, न की है और न करेंगे

उन्हें हिन्दू मुस्लिम करना था, आतंकी कहना था, कहते रहे, कहते रहेंगे

शहीद किसान हुआ, हो रहा है, होता रहेगा...

कुल मिलाकर लोग स्क्रीन पर देख कर जो बोलते थे, बोलते हैं और बोलते रहेंगे

गांधारी आयी थी, अब भी है और आगे भी रहेगी

सब कुछ जैसा चल रहा था, चल रहा है, चलता रहेगा...

#प्रभात

Prabhat

26-1-21