क्यों लिखते हो ?
किसी नदी, तालाब और कुएं को
लिखना है तो मुझे लिखो
क्यों लिखते हो ?
अपरिचित या किसी जुदा साथी को
लिखना है तो मुझे लिखो
क्यों लिखते हो ?
सागर, आकाश या फिर रहस्य को
लिखना है तो मुझे लिखो
क्यों लिखते हो ?
किसी गड्ढे को, किसी हार को
लिखना है तो मुझे लिखो
क्यों लिखते हो ?
किसी अनकही बातें, यादें और संघर्ष को
लिखना है तो मुझे लिखो
क्यों लिखते हो ?
मृत्यु, संस्कार और व्यथा को
लिखना है तो मुझे लिखो
क्यों लिखते हो ?
किसी और के दुःख, प्रताड़ना को
लिखना है तो मुझे लिखो
सच बताऊँ !!!
लिखा ही उसे जाना चाहिए
जो रहस्य हो, अज्ञात हो
जिसे जानने की इच्छा हो
जिससे आत्मविश्वास मिलता हो
जिससे मन को खुशी मिलती हो
जो अकेला हो,
जो कुछ कह न पाया हो
जो मेरी यादों में समाया हो
जिससे मेरी प्यास बुझ जाती हो
जिसमें मैं खो जाता हूँ
चौराहों पर, सूनसान सड़क पर
और यहाँ तक कि
तुम्हारे सामने भी
इसलिए लिखता हूँ !!!
-प्रभात
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गूगल आभार |
किसी नदी, तालाब और कुएं को
लिखना है तो मुझे लिखो
क्यों लिखते हो ?
अपरिचित या किसी जुदा साथी को
लिखना है तो मुझे लिखो
क्यों लिखते हो ?
सागर, आकाश या फिर रहस्य को
लिखना है तो मुझे लिखो
क्यों लिखते हो ?
किसी गड्ढे को, किसी हार को
लिखना है तो मुझे लिखो
क्यों लिखते हो ?
किसी अनकही बातें, यादें और संघर्ष को
लिखना है तो मुझे लिखो
क्यों लिखते हो ?
मृत्यु, संस्कार और व्यथा को
लिखना है तो मुझे लिखो
क्यों लिखते हो ?
किसी और के दुःख, प्रताड़ना को
लिखना है तो मुझे लिखो
सच बताऊँ !!!
लिखा ही उसे जाना चाहिए
जो रहस्य हो, अज्ञात हो
जिसे जानने की इच्छा हो
जिससे आत्मविश्वास मिलता हो
जिससे मन को खुशी मिलती हो
जो अकेला हो,
जो कुछ कह न पाया हो
जो मेरी यादों में समाया हो
जिससे मेरी प्यास बुझ जाती हो
जिसमें मैं खो जाता हूँ
चौराहों पर, सूनसान सड़क पर
और यहाँ तक कि
तुम्हारे सामने भी
इसलिए लिखता हूँ !!!
-प्रभात