मेरे पिताजी
एक सच्चे, अच्छे और नेक इरादों की पहचान हैं पिताजी
बचपन से लेकर अब तक सहारे की खदान हैं मेरे
पिताजी
अँधेरे में रोशनी दिखाते
मुसीबत से हर निकालते
भीड़ में हाथ पकड़ते
हर किसी खड़ी मंजिल के आधार हैं पिताजी
शिक्षक, वैद्य जैसे गुणों के सरताज हैं पिताजी
असफलता में साथ देते
सुलझे से ख्वाब देते
चेहरों को जो पढ़ लेते
असीम साहस त्याग के परिचायक हैं पिताजी
प्रीत, लगन, अनुपम प्यार के सार हैं पिताजी
वृक्ष की तरह छाया देते
फूल की तरह मुझे सींचते
तूफ़ान से हर बचा लेते
जो भी हूँ जैसे भी अब तक उसके कारण हैं पिताजी
चिंता, क्रोध, असाध्य रोगों के निवारण हैं पिताजी
संतान सुख के लिए लड़ते
युद्ध रण-भूमि में चल पड़ते
अन्याय कभी सहन न करते
खुद कष्ट सहकर मुझे हंसाने के लायक हैं पिताजी
मेरे घर से लेकर संसार तक के सहायक हैं पिताजी
हर समय एक नयी सीख देते
परिवर्तन की, हैं बात करते
असंभव को संभव बनाते
अनुभव, अनुशासन, आचरण के ज्ञान हैं पिताजी
मुझे लगता है मेरे लिए एक ही भगवान हैं पिताजी
-प्रभात
बहुत खूब
ReplyDeletehttp://hradaypushp.blogspot.com/2014/06/blog-post.html
आभार आप यहाँ तक पहुंचे ...............
Deleteअनुभव, अनुशासन, आचरण के ज्ञान है पिताजी
ReplyDeleteमुझे लगता है मेरे लिए एक ही भगवान है पिताजी
सुन्दर शब्द रचना
माँ पर तो बहुत कविताएँ पढ़ी है पर पिता पर चंद ही शायद पिता पर कम ही लिखा गया हैं
http://savanxxx.blogspot.in
आपका आभार ............
Deleteबहुत-बहुत धन्यवाद
ReplyDeleteपिता को समर्पित रचना बहुत अच्छी लगी। धन्यवाद।
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद
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